1 Part
218 times read
4 Liked
*बाली* छू जाता हौले से हवा का झोंका जब भी इस मेरी बाली को तन सिहरता, मन में लरजता, रोम-रोम इंतजार हो जाता है लगता है फिर आज मिलन का खूबसूरत ...