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परिवर्तन ही नियम प्रकृति का, पल पल पर रंग बदलता है, यही जीव चक्र है वसुधा का, जो अनवरत चलता रहता है। उदित प्रभाकर प्रभात हुआ, रजनीश कौमुदी बिखराए, यामिनी मिलन ...