मानवता ही धर्म

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मानवता ही धर्म सभ्यता और संस्कृति तो हमारें संस्कार है यही हमारें सबसे प्यारे श्रृंगार है इंसान बनकर आया है तू जग में नश्वर तन है,मानवता ही धर्म है। आज कलयुग ...

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