लेखनी प्रतियोगिता -08-Nov-2023सरिता सन्देश

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सरिता संदेश  जीवन की अनवरत बहती है नदी,  कल-कल निनाद से कहती है नदी।  ठहर मत राही चलता चल तू,  दीपक की मानिंद जलता चल तू।  असंख्य दुख सहता है जीवन ...

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