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शीर्षक : जीवन उद्देश्य क्या.... समझ न पाई?? बीत रही है ये उम्र कैसे पल पल गुज़रते, अपना क्या जीवन उद्देश्य समझ न पाई। सूख रही भावनाओं की स्याही दवात में, ...