लक्ष्य कविता दैनिक कविता प्रतियोगिता हेतु कविता

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लक्ष्य रास्ते बहुत है बस तू अपना रास्ता बना,  सपने बहुत है तू उसे अपने लक्ष्य तक ला,  ना डर, ना हताश हो,  चल!  एक कदम बढ़ा और अपने मंजिल को ...

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