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जिस्म जलता रहा आग बूझती रही इश्क का खेल कुछ ऐसा चलता रहा जिंदगी का हर लम्हा बर्बादी के मोड़ को पुकारता रहा ऐ बेवफाई के रंग में लिपटे मेरे हमसफ़र ...