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.........…मुश्किल है........ मुश्किल है समझना किसी को मीठी बोली की मुस्कान मे भी उलझनें हैं जलेबी की तरह सीधी तनी हुई रस्सियां भी गुजरी हैं कई घुमावदार रास्तों से कई गांठें ...