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प्रेम बनकर आंगन की तुलसी विशुद्ध बनाए हैं जिसके रोपण मात्र से घर पावन हो जाए हैं अपनी जड़ में वह छुपाए शांति और स्नेह धारा तेज वायु ने छीना वृक्ष ...