1 Part
310 times read
15 Liked
प्रेम बनकर आंगन की तुलसी विशुद्ध बनाए हैं जिसके रोपण मात्र से घर पावन हो जाए हैं अपनी जड़ में वह छुपाए शांति और स्नेह धारा तेज वायु ने छीना वृक्ष ...