Lekhny post -29-Nov-2023 कविता

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*उल्फ़त में तड़पते रहे* मोहब्ब्त ने तेरी फिर एक इशारा कर दिया, गिरते हुए को फिर से एक सहारा कर दिया । हम समझ रहे थे इश्क मे सब फ़ना ही ...

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