Lekhny post -29-Nov-2023 कविता

1 Part

211 times read

15 Liked

*उल्फ़त में तड़पते रहे* मोहब्ब्त ने तेरी फिर एक इशारा कर दिया, गिरते हुए को फिर से एक सहारा कर दिया । हम समझ रहे थे इश्क मे सब फ़ना ही ...

×