5 Part
466 times read
3 Liked
.......टूटे हुए सपने....... तोड़ता भी रहा जोड़ता भी रहा टूटे सपनों को मैं रात भर खुली आंख जब सहर हुई टुकड़े ही टुकड़े थे बचे सामने उम्र भीं काबिल न थी ...