संसार इक जाल है

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संसार इक जाल है  बचपन से लेकर बुढ़ापे तक जिंदगी के हर पाठ को हम पढ़ते है साल साल तो बदलता है पर इसमें धैर्य की आवश्यकता है जमाने का रुख ...

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