0 Part
254 times read
20 Liked
प्रथम वन्दनीय श्री गणेश अजं निर्विकल्पं निराकारमेकं निरातंकमद्वैतमानन्दपूर्णम् परं नि्गुणं निर्विशेषं निरीहं परब्रह्मरुपं गणेशं भजे।। गणेश जी अजन्मा ,निर्विकार ,निराकार और उस दिव्य चेतना के प्रतीक हैं ,जो सर्वव्यापी है।गणेश जी ...