6 Part
379 times read
26 Liked
दुनिया का दस्तूर निराला जमाने से उम्मीद लगाए बैठे थे छाता खोल के बरसात में फिर जो बरसात हुई छाता भी भीगा, हम भी भीगें और भीग गया सारा सामान मदद ...