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मुक्तक _ तन्हा सफर। ठंड भरी सर्द रात में तन्हा सफर होता नही राहगुजर। हो जाता सफर ये सुहाना मिल जाता तेरा साथ अगर। जिंदगी भी ठहर कर कही रहने भी ...