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वक्त का पल-पल बड़ा कीमती, कब सुबह कब शाम हुई। कोई पकड़ न पाए इसको, कर्मों से मुलाकात हुई। गंवा दिया जो वक्त सुहाना, वापिस कभी नहीं आए, जो पहचाने वक्त ...