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दिल बनाम दिमाग दिल की बातें सुनता आया, सदा रुपहला बचपन। वह दिमाग की कब सुनता है,बहे बना वह सावन।। दिल की बातें बड़ी अनूठी, तितली के पर जैसी, बचपन कहाँ ...