लेखनी कहानी -29-Dec-2023 कविता

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*लहु की बूंद* राहत है अपनो से जब आँखियों से रस प्रेम भर टपके । आई विपदा उनपे आँखियों से खारे अश्क़ भर टपके । हमतो तो अंधेरे में ढूंढते थे ...

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