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तितली उड़ती है तितली, फूलों की बाग़ में, रंग-बिरंगे पंखों से, खुद को भरती है। मधुमक्खी की तरह, फूलों पर वो बैठती है, मधुर सुरों में, खुद को खो जाती है। ...