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ज़ेहन की हर गली से तेरा ख्याल मिटा रही हूँ........ टूट कर अंदर से बेपनाह.. ऊपर से मुस्कुरा रही हूँ..... छोड़ कर खुवाबो का मकान अब... अब हकीकत मे ज़िन्दगी बिता ...