टूटना भी ज़रूरी था..

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टूटना भी था..... बिछड़ना भी था... और बिखरना भी था..... कब तक रहते मेहरूम दर्द  ऐ इश्क़ से  खा कर ठोकर राह मे... राह को बदलना भी था..... Fiza tanvi ✍️ ...

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