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आँगन में वृंदा लगे, दिया जले नित सांझ। घर में बरकत होयगी, बजे कीर्तन झांझ।। मस्त हैं प्रभु भजन में, मन श्रद्धा अपार। परछाई भगवान है, जग सारा परिवार।। गंगा पतित ...