लेखनी कविता -03-Jan-2024

1 Part

285 times read

15 Liked

#दिनांक:-3/1/2024 #शीर्षक:-आदर खुशहाली का करो। किरदार का नहीं, कत्ल अभिमान का करना है, ज्यादा नहीं बस रिश्तों में ही झुकना है।  बिछुड़ता अपनाकर , सबसे अंदर से, आखिर कब तक अकेलेपन ...

×