महफ़िल

1 Part

232 times read

15 Liked

*महफ़िल* सूनी थी दिल की महफ़िल  वो क्या आए बहार आ  गई साँसे महकने लगी सितार धड़कनों के झंकृत हो गये साँसों की सरगम  आरोह-अवरोही हो  गई। दिल की महफ़िल  जवां ...

×