तेरी आँखों से है ज़ाहिर किस सूरत गुजरी है रात खुद पे सितम न ढाओ ज़रा कह दो दिल की बात बिखरी जुल्फें, सूखे होंठ, साफ़ यूँ दिल का हाल है  ...

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