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गिरधारी आन पधारो मेरे अंगना, घर सूना वृन्दावन सूना, सूनी पड़ी है गलियां। गिरधारी---------- सांझ सबेरे तेरी बाट निहारूं, झुक झुक अंगना रोज बुहारूं, देखत देखत लम्बा रस्ता, पथरा गई है ...