कविता मेरी

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जो तुम ज़माने से छिपाते हो वो जज्बात मैं लिखती हूँ.... अक्षरों में अपने अहसास  परोस देती हूँ..... चमन में खिले फूलों के सौगात लिख देती हूँ..... कोशिश करती हूँलिख दू  ...

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