मैं चल पड़ी हूँ

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मैं चल पड़ी हूँ  उस मंजिल की और  ना कोई ठिकाना है  ना कोई उम्मीद है  फिर भी थोड़ी सी  जो हिम्मत हैं  उसी के बल पर  चल पड़ी हूँ  एक ...

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