1 Part
271 times read
16 Liked
*चौपाइयाँ*(श्रीराम जी) करूँ वंदना रघुकुल-नायक। हे जग-स्वामी,हे सुख-दायक। हरो कष्ट हे दशरथ-नंदन। करते सब हैं तेरा वंदन। धरती काँप रही है थर-थर। आतंकों के कारण डर-डर। लेकर करो अंत धनु-सायक। दानवता ...