लेखनी प्रतियोगिता -20-Jan-2024

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*मुझसे चाँद कहा करता है* ये इश्क है ये कब दायरे में रहा करता है। सैलाब मोहब्बत का यूँ ही बहा करता है। एक चाँद आसमाँ में है दूजा आग़ोश में, ...

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