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कौन चल सका वक्त के साथ, ये वक्त आजमाता बहुत है। चार कदम महकाती कलियाँ, काँटे फिर चुभाता बहुत है। कदम ताल मिले नहीं इसकी, सरपट दौड़ लगाता जाए। ज़रा चूक ...