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कोई नयी ज़मीं हो, नया आसमाँ भी हो ए दिल अब उसके पास चले, वो जहाँ भी हो अफ़सुर्दगी- ए- इश्क़ में सोज़- ए- निहाँ भी हो यानी बुझे दिलों से ...