परिंदा - लेखनी काव्य प्रतियोगिता -24-Jan-2024

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परिंदा बेशक हालात ने पर कुतर दिए हो मेरे  मैं वो परिंदा हूं, जिसकी उड़ान अभी बाकी है  न जाने कितनों को समेट लिया होगा- तूने अपने आगोश में  मैं गुजरा ...

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