1 Part
197 times read
17 Liked
गीतिका समांत -अलते पदांत- रहो राही हर क्षण चलते रहो। दुखद ऋतु को बदलते रहो।। अर्जुन बनकर साधो लक्ष्य, हृदय आस बन पलते रहो। माना दुष्कर बनना भानु, रवि सम उगते ...