लेखनी प्रतियोगिता -29-Jan-2024

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सपना अधूरा हर ख्वाब,झूठा हर सपना निकला दुनिया की भीड़ में, जब ना कोई अपना निकला हम तो निकले थे राहों पर, अपनों के खातिर भरम तब टूटा, जब साथ कोई ...

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