लेखनी प्रतियोगिता -31-Jan-2024दान

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गीत मात्रा भार -16/14 सूरज बनकर सदा राह में,  हे प्राणी तुम उगो-ढलो।  भर मिठास तिल गुड़ का मन में,  दान पुण्य की राह चलो।। मिश्री सी मोहक हो बोली,  सरस ...

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