भावनाओं के मोहरे

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प्रतिदिन प्रतियोगिता "खेल" के लिए मेरी रचना शतरंज का खेल,  दिमाग का खेल है। चाल पर चाल। सोलह मोहरों की अपनी अपनी औकात।  आज शतरंज की बिसात को रिश्तों की बिसात ...

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