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*श्री राम* जागरण चाँद- सितारों का ताक रहा सारा आकाश हलचल क्षीर सागर में इंतजार कण-कण को हो रहा के स्वर्ग-धरा को पावन करने आ रहे *श्री राम* हवाएँ इठला रहीं ...