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सचमुच वही सिकंदर होता गीत✍️ उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट सोच टँगी खूंटी पर जिनकी उनके सम्मुख क्यों मैं रोता पीर पराई हो या अपनी सदा रहा कंधों पर ढोता । 🌹🌹 लाख ...