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आज का विषय --शीर्षक -- *प्रेमचंद साहित्य में मुखर दलित चेतना व विविध स्वर* साहित्य देश ,काल ,परिस्थिति के अनुकूल होना चाहिये। तत्कालीन काल के आह्वान, चुनौतियों, समस्याओं का वर्णन करना ...