लेखनी कहानी -12-Feb-2024

1 Part

303 times read

16 Liked

दौहरी जिंदगी जीने लगी हूँ, मैं ओरों के जहन में चुभने लगी हूँ। मुस्कुराहट अब महज दिखावे की है, मैं अंदर ही अंदर टुटने लगी हूँ। कहने को साथ बहुत हैं ...

×