1 Part
220 times read
19 Liked
ग़ज़ल -------- इलाही मैं तेरी रज़ा चाहता हूं । के दोनो जहां में जज़ा चाहता हूं ॥ महक जाये मेरा हर इक रूआं रूआं । कोई ऐसी दिलकश फ़ज़ा चाहता हूं ...