तुम लगतीं बरगद की छाँव

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तुम लगतीं बरगद की छाँव गीत✍️ उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट  हुए प्रेम की पगडंडी पर घायल विश्वासों के पाँव घिरा वेदनाओं से जीवन उजड़ गया सपनों का गाँव। 🌹🌹 निकली अर्थी आशाओं ...

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