आंखें बोलती हैं  रूबी बर्तन ऐसे मांज रही थी जैसे कुछ खुन्नस निकाल रही हो... ज़ोर-ज़ोर से बर्तन पटकने की आवाज़ें, एक-आध हाथ से छूटकर गिर जाने की टनटनाहट, धीमी-धीमी बड़बड़ाहट ...

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