कच्चा बचपन! घर कच्चे-दहलीज थी कच्ची,छत-और-रसोई कच्ची थी, लिपा-पुता कच्चा आंगन था,.....पर बुनियादें सच्ची थी। खेत-गली-चौबारे-कच्चे,..........कच्ची घर की बख्खारी, रिश्तों में मजबूती पक्की,....अपनों की यादें सच्ची थी।। मिट्टी में वो झूठे ...

×