लेखनी कहानी -18-Feb-2024

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मन की पीड़ा काल पहिये से मैं अपने हुनर में दलता रहा सावधानी रख में सफलता द्वार की चुनर सें चलता रहा वक्त की चालाकी से हालाकि रक्त रंजित कटार सिर ...

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