हौसले हो बुलंद तो मुट्ठी में हर मुकाम है

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हौसले हो बुलंद तो मुट्ठी में हर मुकाम है जमाने की सारी बेड़ियां तुम तोड़ दो अपना रिश्ता अब नई उम्मीद से जोड़ दो कुछ सवालों को बस सवाल ही रहने ...

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