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शब्द पथिक हैं सफर करते हैं, गली-गली कूचे रमते हैं, इक जुबां से दूजी जुबां तक, मौन-मुखर चलते रहते हैं। कहीं महक पुष्पित कर देते, कहीं जिरह अनबन भर देते, कहीं ...