खुशियों के बहाने।

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अरे हो क्या  गया है, राम जी ही जाने,, कम पड़ने लगे है,क्यूं,ये, खुशियों के बहानें।। देखा खुशी मे भी , जब उतरा हुआ चेहरा, अंदर शायद  उमड़ा था,, समंदर गम ...

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