अष्टावक्र गीता-दोहे -13

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*अष्टावक्र गीता*-13 जग झूठा, तुम शुद्ध हो,करो ब्रह्म सँग योग। बने न,अष्टावक्र कह,किसी से तव संयोग।। विश्व-मूल है आत्मा,जैसे बुदबुद सिंधु। करो ब्रह्म सँग मेल तुम,प्राप्त ज्ञान यह बंधु।। नहीं विश्व ...

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